Sharabi Shayari is a type of poetry that is written by people who are intoxicated. It often includes themes of love and longing and can be both emotional and sensual. Sharabi Shayari often uses strong imagery and vivid language to create an immersive experience for the reader.
Sharabi Shayari is a type of poetry that is written by people who are intoxicated. It often contains themes of love and loss, and its language is often very flowery and romantic. Sharabi Shayari can be written in both Urdu and Hindi, and it is often read at weddings and other special occasions.
Sharabi Shayari in Hindi
महफ़िल-ऐ-इश्क सजाओ तो कोई बात बने,
दौलत-ऐ-इश्क लुटाओ तो कोई बात बने,
जाम हाथों से नहीं पीना है मुझको,
कभी आँखों से पिलाओ तो कोई बात बने।
लोग कहते हैं पिये बैठा हूँ मैं,
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ मैं,
जान बाकी है वो भी ले लीजिये,
दिल तो पहले ही दिये बैठा हूँ मैं।
मदहोश हम हरदम रहा करते हैं,
और इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,
कसूर शराब का नहीं उनका है यारों,
जिनका चेहरा हम हर जाम में तलाश किया करते हैं।
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Sharabi Dost Shayari
ना कभी पीते थे ना कभी पिलाते थे,
हम तो बस उनकी नज़रों से नज़र मिलाते थे,
ना जाने कैसे हम उनसे आँखें मिला बैठे,
जो सिर्फ अपनी निगाहों से पिलाते थे।
इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ,
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ,
जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश,
मैं अक्सर उन्ही के क्लोज़् रहता हूँ।
आती हैं जब भी हिचकियाँ अब
शराब मैं पी लेता हूँ,
अब तो वो वहम भी छोड़ दिया है,
कि कोई मुझे भी याद करता है।
Sharabi Shayari 2 Lines
मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,
उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है।
नतीजा बेवजह महफिल से उठवाने का क्या होगा,
न होंगे हम तो साकी तेरे मैखाने का क्या होगा।
मदहोश कर देता है तेरे ये देखने का अंदाज़
और लोग सोचते हैं कि हम पीते बहुत है।
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई,
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई।
मैखाने मे आऊंगा मगर…पिऊंगा नही साकी,
ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती।
मयखाने की इज्ज़त का सवाल था हुज़ूर,
सामने से गुजरे तो, थोड़ा सा लड़खड़ा दिए।
एक शराब की बोतल दबोच रखी है,
तुझे भुलाने की तरकीब सोच रखी है।
नशा तब दोगुना होता है जनाब,
जब जाम भी छलके और आँख भी छलके।
ना ज़ख्म भरे, ना शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई।
Sharabi Sad Shayari
सब कहते है पीता हूँ इतना के मर जाऊंगा
न समझ है वो जानते ही नहीं,
अगर पीते नहीं तो कब के मर जाते।
पीना चाहते थे हम सिर्फ एक जाम,
मगर पीते-पीते शाम से सवेर हो गयी,
बहके बहके कदम धीरे धीरे चले,
इसलिए आने में ज़रा सी देर हो गयी।
तन्हाई में भी कहते है लोग,
जरा महफ़िल में जिया करो।
पैमाना लेके बिठा देते है मैखाने में
और कहते है जरा कम पिया करो।
रात गुम सी है मगर चैन खामोश नही,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नही,
ऐसा डूबा तेरी आँखों की गहराई में ,
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही।
Funny Sharabi Shayari in Hindi
रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों,
मुझमें जान आ गयी है।
पीछे मुड़के देखो कमीनो,
दारू की दुकान आ गयी है।
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
पैदल ही निकल लेते है ठेके की ओर
जिनके पास कार नहीं होती।
मंजिल उन्हीं को मिलती है,
जिनके हौसलों में जान होती है,
और बंद भट्ठी में भी दारू उन्हीं को मिलती है,
जिनकी भट्ठी में पहचान होती है!
कहते हैं पीने वाले मर जाते हैं जवानी में,
हमने तो बुजुर्गों को जवान होते देखा है मैखाने में।
Sharabi Ki Shayari
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है!
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!
फिर आवाज़ लगायी जाती हैआ जाओ दर्दे दिलवालों!
यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है!
यह शायरी लिखना उनका काम नहीं
जिनके दिल आँखों में बसा करते हैं
शायरी तो वो शख्श लिखता है;
जो शराब से नहीं कलम से नशा करता है।
दुःख इतना मिला कि हम घबरा कर पी गए
ख़ुशी अगर थोड़ी सी भी मिली तो उसे मिलाकर पी गए,
यूं तो ना थी हमें शराब पीने कि आदत,
पर शराब को तनहा देखा तो तरस खाकर पी गए।