तुम बदलो तो मजबूरियां हैं

October 10, 2020
631
Views

तुमको देखूं तो मुझे प्यार बहोत आता है
ज़िंदगी इतनी हसीन पहले तो नही लगती थी।

कौन कहता है नफ़रतों मैं दर्द होता है
कुछ मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है।

मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है
लेकिन सिर्फ सांस लेने को जीना तो नहीं कहते।

आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर,
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।

दर्द महसूस भी होता है, दिल आज भी तड़पता है
तेरी एक झलक के लिए दिल आज भी तरसता है।

किसी का दिल इतना भी मत दुखाओ कि…
वो खुदा के सामने तुम्हारा नाम लेकर रो पड़े।

तुम बदलो तो मजबूरियां हैं बहुत
हम बदले तो बेवफा हो गये।

चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही
रवैये अजनबी हो जाये तो बडा दर्द होता है।

लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।

हम को न मिल सका तो फ़क़त इक सुकून-ए-दिल
ऐ ज़िंदगी वगरना ज़माने में क्या न था।
– आज़ाद अंसारी

चाहा था मुक्कमल हो मेरे गम की कहानी,
मैं लिख ना सका कुछ भी तेरे नाम से आगे।

कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब,
आज तुम याद बे-हिसाब आए।
– फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब,
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *