ऐसा क्या बोलूं कि तेरे दिल

November 11, 2020
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मैंने तो सिर्फ तुझ से मोहब्बत करने की दुआ मांगी है,
मैंने तो हर दुआ में सिर्फ तेरी वफ़ा मांगी है,
ये ज़माना लाख जले हमारी मोहब्बत से,
मैंने तो सिर्फ तुझसे मोहब्बत करने की सजा मांगी है!

नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं!

खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी!

ऐसा क्या बोलूं कि तेरे दिल को छू जाए,
ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए,
तुझे पाना नहीं तेरा हो जाना है मन्नत मेरी,
ऐसा क्या कर दूं कि ये मन्नत पूरी हो जाए!!!

आ के मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा होगा,
बन के रूह मेरे जिस्म में उतर जाओ तो अच्छा होगा,
किसी रात तेरी गोद में सिर रख के सो जाऊं,
फिर उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा होगा!

मैं तेरे प्यार में इतना ग़ुम होने लगा हूँ सनम,
जहाँ भी जाऊं बस तुम्हें ही सामने पाने लगा हूँ,
हालात यह हैं कि हर चेहरे में तू ही तू दिखता है,
ऐ मेरे खुदा अब तो मैं खुद को भी भुलने लगा हूँ!

कुछ ख़ास जानना है तो प्यार कर के देखो,
अपनी आँखों में किसी को उतार कर के देखो,
चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,
ये एहसास जानना है तो दिल हार कर के देखो!

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