ज़िन्दगी हर पल कुछ खास नहीं

May 26, 2017
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ज़िन्दगी हर पल कुछ खास नहीं होती,
फूलों की खुशबू हमेशा पास नहीं होती,
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना,
इतनी प्यारी दोस्ती इत्तेफाक नहीं होती।

 

इश्क़ और दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क़ मेरी रूह, तो दोस्ती मेरा ईमान है।
इश्क़ पर तो फ़िदा कर दूँ अपनी पूरी ज़िंदगी,
पर दोस्ती पर तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।

 

दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,
दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है,
अरे सच्ची दोस्ती तो वो है..
जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है।

 

सादगी किसी श्रृंगार से कम नहीं होती,
चिंगारी किसी अंगार से कम नहीं होती,
ये तो अपनी अपनी सोच का फर्क है वर्ना,
दोस्ती किसी प्यार से कम नहीं होती।

 

दोस्ती से बड़ी चाहत क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल जाये आप जैसा,
उसे ज़िंदगी से शिकायत क्या होगी।

 

जाने सालों बाद कैसा समां होगा,
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे,
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे।

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