सुकून मिलता है जब बात होती

July 4, 2017
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मैं अपनी जान इस जहान में लेकर आया ही नहीं हूं,
अरे तुम भूल तो नहीं गईं तुम जान हो मेरी,
तो ख्याल रखो मेरी जान मेरी जान का,
तुम मिट्टी के इस तरफ भी पहचान हो मेरी।

इश्क करती हूँ तुझसे अपनी जिंदगी से ज्यादा
मैं डरतीं हूँ मौत से नही तेरी जुदाई से ज्यादा
चाहे तो हमे आज़मा कर देख किसी और से ज्यादा
मेरी जिंदगी में कुछ नही तेरी आवाज़ से ज्यादा।

हकीक़त जान लो जुदा होने से पहले
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले
ये सोच लेना भुलाने से पहले
बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले।

सुकून मिलता है जब बात होती है
हज़ार रातों में वो एक रात होती है
निगाह उठा कर जब देखते हैं वो मेरी तरफ
मेरे लिए वही पल पूरी कायनात होती है।

जब खामोश निगाहों से बात होती है
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
हमतो बस खोये ही रहतें हैं उनके ख्यालों में
पता ही नही चलता कब दिन कब रात होती है।

कोई छुपाता है तो कोई बताता है
कोई रुलाता है तो कोई हसाता है
प्यार तो हर इंसान को है किसी ना किसी से
बस कोई छोड़ जाता है तो कोई जिंदगी भर निभाता है

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