अपना हमसफ़र बना ले मुझे,
तेरा ही साया हूँ अपना ले मुझे,
ये रात का सफर और भी हसीन हो जाएगा,
तू आ जा मेरे सपनों में या भूला ले मुझे!
जाने उस शख्स को कैसा ये हुनर आता है,
रात होती है तो आँखों में उतर आता है,
मैं उस के ख्यालों से बच के कहाँ जाऊं,
वो मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आता है!
चलते रहने दो ये सिलसिले,
ये मोहब्बतों के काफिले,
बहुत दूर हम निकल जाएँ,
कि लौट के फिर न आ सकें!
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा,
मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा,
आजमा के देख ले तेरे दिल में बस जाऊंगा,
प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में सिमट जाऊॅंगा!
किस कदर है तुमसे उलफ़त ना पूछो,
ख़्वाबों में जी रहे है हक़ीक़त ना पूछो,
बसा लो मेरे दिल में घर कहीं अपना,
क्या है मेरे दिल की क़ीमत ना पूछो!
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!