आग-लगी-दिल-में-जब-वो-खफ़ा

June 24, 2017
678
Views

कब वो ज़ाहिर होगा और हैरान कर देगा मुझे,
जितनी भी मुश्किल में हूँ आसान कर देगा मुझे,
रूबरू करके कभी अपने महकते सुर्ख होंठ,
एक दो पल के लिए गुलदान कर देगा मुझे।
~ ज़फ़र इक़बाल

तेज बारिश में कभी सर्द हवाओं में रहा,
एक तेरा ज़िक्र था जो मेरी सदाओं में रहा,
कितने लोगों से मेरे गहरे रिश्ते थे मगर,
तेरा चेहरा ही सिर्फ मेरी दुआओं में रहा।

निगाहें जब मिली उनसे तभी दिल हार बैठा हूँ,
मैं उसपे वारने सब कुछ लिये तैयार बैठा हूँ,
अगर इक बार कह दे वो कि आ जाओ मेरे दिल में,
मैं दुनियाभर की रस्मों को भुलाने को भी बैठा हूँ।

आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए,
एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सके,
लेकिन दे गये बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।

इश्क करती हूँ तुझसे अपनी जिंदगी से ज्यादा,
मैं डरतीं हूँ मौत से नही तेरी जुदाई से ज्यादा,
चाहे तो हमे आज़मा कर देख किसी और से ज्यादा,
मेरी जिंदगी में कुछ नही तेरी आवाज़ से ज्यादा।

इस नजर ने उस नजर से बात करली,
रहे खामोश मगर फिर भी बात करली,
जब मोहब्बत की फ़िज़ा को खुश पाया,
तो दोनों निगाहों ने रो रो कर बरसात करली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *