कर दे नज़रे करम मुझ पर

January 15, 2018
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कर दे नज़रे करम मुझ पर,
मैं तुझपे ऐतबार कर दूँ,दीवाना हूँ तेरा ऐसा,
कि दीवानगी की हद को पर कर दूँ।

हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे,
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे,
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया,
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!

खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं!

सांसों की डोर छूटती जा रही है
किस्मत भी हमे दर्द देती जा रही है
मौत की तरफ हैं कदम हमारे
मोहब्बत भी हम से छूटती जा रही है।

नज़रों से देखो तोह आबाद हम हैं
दिल से देखो तोह बर्बाद हम हैं
जीवन का हर लम्हा दर्द से भर गया
फिर कैसे कह दें आज़ाद हम हैं।

ज़िन्दगी के सफ़र में आपका सहारा चाहिए
आपके चरणों का बस आसरा चाहिए
हर मुश्किलों का हँसते हुए सामना करेंगे
बस ठाकुर जी आपका एक इशारा चाहिए।

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