जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई
खुशी ना जानें कहां दफन हो गई,
लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर में,
हमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गई!
मैंने कभी किसी को आज़माया नही,
जितना प्यार दिया उतना कभी पाया नही,
किसी को हमारी भी कमी महसूस हो,
शायद खूदा ने मुझे ऐसा बनाया नहीं।
तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी,
वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी,
ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है,
तुम अगर भूल भी जाओ जो कौन सी नई बात होगी।
बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से,
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से,
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उस ने दवा के नाम से,
आसमान भी रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से।
साँस थम जाती है पर जान नहीं जाती,
दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती,
अजीब लोग हैं इस ज़माने में ऐ दोस्त,
कोई भूल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती।
तन्हाई में अकेलापन सहा जायेगा,
लेकीन महफ़िल में अकेले रहा न जायेगा,
आपका साथ न हो तो भी जी लेंगे,
पर साथ आपके कोई और हो तो सहा न जायेगा।